Ramlala Murti Aura Change:रामलला मूर्ति की आभा बदल गयी,जानिए मूर्तिकार योगिराज के चौकाने वाले खुलासे

रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्तिकार योगिराज ने कई चौकाने वाले खुलासे किये हैं.

उन्होंने बताया की   मूर्ति निमार्ण के समय अलग दिखती थी लेकिन जब प्राण प्रतिष्ठा हो गयी तब इस   मूर्ति ने एक अलग ही रूप ले लिया.

योगिराज ने बताया की   जिस मूर्ति को सात महीने तक तराशा उसे प्राण प्रतिष्ठा के बाद मैं खुद ही पहचान   नहीं पाया .

गर्भगृह में जाते ही  मूर्ति की आभा बदल गयी.

उन्होंने कहा की उनके पूर्वजों की सालों की तपस्या है की इस काम के लिए उनको चुना गया.

मूर्ति बनने में सात महीने का समय लगा इस दरमियान योगिराज दुनिया से अलग थलग रहे और बच्चों के साथ समय बिताया.

योगिराज ने कहा की उनके घर रोज बन्दर आते मूर्ति का दर्शन करते काम देखते और चले जाते.   इस वजह से काम से ध्यान भटक जाता था.

इस बारे में चम्पत रॉय से बात करने पर समाधान निकला और कर्मशाला को घेर कर दरवाजा लगा दिया गया.

जिस दिन दरवाजा लगा उस शाम को भी बन्दर आये और दरवाजा पीटने लगे.दरवाजा खोलने पर एक बन्दर वहां पर   दिखा.

दरवाजा खोलने पर बन्दर अंदर आये और पहले की तरह ही मूर्ति निर्माण का काम देखा और फिर चले गए.

योगिराज को 29 दिसंबर को बताया गया की कौन सी मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया है और ट्रस्ट से जानकारी मिलने के बाद इस मूर्ति को मैंने फाइनल टच देना शुरू किया.

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गयी और रामलला विराजमान हो गए.